होटल के एक प्राइवेट एरिया में दो काले कपड़ों में सशस्त्र बॉडीगार्ड खड़े थे। सोफे पर एक प्रभावशाली व्यक्तित्व वाला आदमी बैठा हुआ था, जिसकी उपस्थिति ही भय उत्पन्न करने के लिए पर्याप्त थी। दोनों बॉडीगार्ड एक-दूसरे को देख कर समझते हैं कि समय हो चुका है। उनमें से एक आगे बढ़कर झिझकते हुए कहता है,
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