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Chapter 10

प्रिया और राधा एक कमरे में एक दूसरे के सामने बैठे हुए थे । और राधा की परेशानी देख प्रिया भी परेशान हो रही थी । प्रिया की बात से राधा को याद आता है, कि उस के क्रेडिट कार्ड बेचने में पूरा महीना चला गया। लेकिन उसने एक भी कार्ड नहीं बेचा और आज महीने का आखिरी दिन है।

यानी की आज उस की नौकरी पर बात है। उस का और अंजली दीदी वाला आईडिया भी कुछ खास काम नहीं किया । अंजली दीदी ने तो फिर भी एक क्रेडिट कार्ड बेच दिया था। लेकिन राधा तो आज भी कुछ नहीं कर पाई। उस का वैसे भी दिमाग खराब हो रखा था । ऐसे में वह ऑफिस जा कर और अपना मूड नहीं खराब करना चाहती थी।

राधा ने एक गहरी सांस छोड़ते हुए कहा “नहीं प्रिया मैं ऑफिस नहीं जाऊंगी। दरअसल मैं काम पर ही नहीं जाऊंगी । जब पता है, कि वह लोग मुझे काम पर से निकाल देंगे। तो फिर क्यों वहां जा कर अपनी बेइज्जती करवाना? इससे अच्छा तो यही है , कि मैं यहां पर रह कर अपने लिए दूसरी नौकरी तलाश करती हूं।

यार मुझे एक नई जॉब ढूंढने ही पड़ेगी। तुझे क्या लगता है, मैंने एक महीने कॉल सेंटर में काम किया है। वह लोग मुझे इसके पैसे देंगे ? हालांकि मैंने उन्हें एक भी कार्ड बेच कर नहीं दिया है। तो भी क्या वह मुझे पैसे देंगे ?”

“ बिल्कुल देंगे । तू वहां पर टारगेट बेस पर थोड़ी ना काम कर रही थी । तेरी वहां पर सैलरी फिक्स थी । अब काम नहीं हुआ है, तो इसमें तेरी गलती नहीं है । देख हम लोग आज ऑफिस चलते हैं और मैनेजर साहब से बात करते हैं। वह बिल्कुल तेरी सैलरी तुझे देंगे। तू रुक जा मैं 1 मिनट में प्रथम को इन्फॉर्म कर देती हूं, कि मैं तेरे साथ ऑफिस जा रही हूं।”

जैसे ही प्रथम का जिक्र होता है, राधा हैरानी से कहती है, “ अरे प्रथम कहां है? वह तो तेरे पास था ना ? तो फिर अब वह कहां पर है ?”

प्रिया ने हंसते हुए मैसेज सेंड किया और राधा से कहा प्रथम किसी बड़ी कंपनी के सीईओ का मैनेजर है । तो इसके लिए उन्हें ज्यादातर सीईओ के साथ हर काम करना पड़ता है। लेकिन क्योंकि इन दिनों उनके सीईओ छुट्टी पर थे, तो प्रथम भी मेरे पास आ गया था। लेकिन आज सुबह इमरजेंसी में प्रथम को वापस बुला लिया गया था। अरे उसी को छोड़ने के लिए तो मैं होटल में गई थी। वह वहां पर अपने बॉस के पोते से मिलने गया है। और तुझे पता है क्या? जब मैं प्रथम को कुछ लोगों से मिलते हुए देखा, तो मैं थोड़ी हैरान हो जाती हूं ।

क्योंकि वह लोग थोड़े बॉडीगार्ड टाइप के लग रहे थे। काले काले कपड़े पहन रखे थे, उनके कानों में एक ईयरफोन लगा हुआ था और ब्लैक कलर का गॉगल्स लगाer रखे थे । इतनी सुबह-सुबह चश्मा लगा कर मुझे तो वह लोग अंधे नजर आ रहे थे। लेकिन प्रथम को देख कर सब ने गुड मॉर्निंग कहा । ऐसा लग रहा था जैसे प्रथम उन लोगों को बहुत अच्छी तरह से जानता है। और तुझे पता है राधा ? प्रथम का बिहेवियर मेरे साथ जैसा था, उन लोगों के साथ बिल्कुल बदल गया था । वह उनके सामने बहुत अकड़ के बात कर रहा था। ऐसे जैसे किसी बात पर उन्हें डांट रहा हो।”

राधा जब यह सब सुनती है, तो हैरान होते हुए कहती है, “ क्या प्रथम इतनी बड़ी कंपनी में काम करता है ? हमें तो पता ही नहीं था । उसने कभी बताया ही नहीं था, कि उस की पोजीशन क्या है । और वह कहां पर काम करता है ? वैसे प्रथम किसके लिए काम करता है ?”

“ उनका नाम बलवंत रायजादा है। वह शहर के जाने-माने बिजनेसमैन है और दूसरे देशों में भी उनका बहुत बड़ा बिजनेस है। लेकिन अब सुनने में आ रहा है, कि वह अपने बिजनेस से रिटायर होने वाले हैं। और उनकी जगह उनका बिजनेस उनका पोता संभालने वाला है। लेकिन यह सब सिर्फ अफवाहें हैं । ऐसी अफवाहे तो पिछले कई सालों से चलती आ रही है। क्योंकि ना तो आज तक किसी ने उनके पोते को देखा है और ना ही कोई उस के बारे में ठीक से कुछ जानता है।

और हां तुझे तो एक मजे की बात पता ही नहीं है । हमारी कंपनी भी रायजादा इंडस्ट्री का हिस्सा बन चुकी है । दरअसल पिछले महीने हमारी कंपनी उनकी कंपनी के साथ मर्जर हो गई है। एक तरह से देखा जाए, तो प्रथम और मैं इसी कंपनी के लिए काम करते हैं। है ना ?” प्रिया तो यह मजाक में रहते हुए हंस रही थी । जैसे कितनी एंटरटेनमेंट की बात है। लेकिन उस की बात सुन कर राधा का चेहरा पूरी तरह से गंभीर हो गया था ।

बलवंत रायजादा राधा इस नाम को सोचने लगती है। क्योंकि शायद यह नाम उसने पहले कहीं भी सुना हुआ है। लेकिन कहां? यह उसे याद नहीं आ रहा है । उसने अपने दिमाग पर जोर डाला और तभी उसे याद आता है, कि उस के पिता इस नाम का जिक्र किया करते थे । बलवंत रायजादा एक बहुत बड़े बिजनेसमैन है। जिनके साथ बिजनेस करना किसी के लिए भी फायदे का सौदा हो सकता है । लेकिन राधा के पिता ने कभी भी उनके साथ बिजनेस नहीं किया है।

यहां तक की रायजादा इंडस्ट्रीज के कई बड़े-बड़े प्रोजेक्ट जो उनके सामने आए थे, उन्होंने वह सारे ठुकरा दिए थे। वह भी सिर्फ इसलिए क्योंकि उन्होंने कहा था , कि रायजादा इंडस्ट्री के साथ काम करना खतरनाक साबित हो सकता है। राधा के पिता हमेशा से ही रायजादा इंडस्ट्रीज के साथ काम करने से दूरी बनाते आए हैं। उनका कहना था, कि उन लोगों की ना तो दुश्मनी अच्छी है और ना ही दोस्ती अच्छी है। इसीलिए उनके साथ दूर रहना ही बेहतर है।

और बलवंत रायजादा के लिए तो उनके विचार एकदम से ही अलग थे। उनका कहना था, कि वह आदमी भले ही उम्र से बूढ़ा हो गया हो लेकिन अपने दिमाग से वह अभी भी किसी तेज चीते की तरह सोचता है। और उस के बिजनेस की स्किल इतनी खतरनाक है, कि कोई भी उस की कंपनी को धोखा नहीं दे सकता है। राधा के पिता ने कभी भी रायजादा इंडस्ट्रीज के साथ या बलवंत रायजादा के साथ कोई भी लेना-देना नहीं रखा था। वह लोग इतने खतरनाक हैं , कि कभी भी किसी कंपनी को बर्बाद कर सकते हैं।

राधा को इतनी गहरी सोच में देख कर प्रिया ने उस के कंधे पर हाथ रखा और उसे हिलाते हुए कहा, “ क्या हुआ ? राधा क्या सोच रही है?”

राधा जल्दी से ना में सर हिलाते हुए कहती है, “ नहीं कुछ भी नहीं। दरअसल मैं अपने पापा की कही बात याद कर रही थी। उन्होंने रायजादा इंडस्ट्री के बारे में मुझसे एक बार बहुत अच्छे विचार शेयर किए थे। बस वही बात याद आ गई थी। खैर यह सब छोड़ो और मुझे यह बताओ, अब आगे क्या करना चाहिए। देखो इतना तो है, कि कॉल सेंटर में मुझे अगले महीने से काम नहीं करने दिया जाएगा। इसके लिए मुझे जल्द से जल्द कोई नई नौकरी ढूंढनी होगी। पर एक प्रॉब्लम यह है, कि मेरी ग्रेजुएशान भी कंप्लीट नहीं है । ऐसे में मुझे नौकरी कौन देगा ? ऊपर से पापा की कंपनी के ऊपर जो कोर्ट केस चल रहा है, उसको सुनने के बाद तो अच्छी-अच्छी कंपनी मुझे नौकरी नहीं देगी।”

राधा की परेशानी को समझते हुए प्रिया कहती है, “ यार राधा तू बोले तो मैं प्रथम से इस बारे में बात कर सकती हूं । हो सकता है, वह अपनी कंपनी में तेरे लिए कोई जॉब देख ले।”

जैसे ही राधा रायजादा इंडस्ट्री का नाम सुनती है, वह जल्दी से अपने दोनों कान पकड़ते हुए कहती है, “ रायजादा इंडस्ट्री से तो मुझे दूर ही रखी हो। मेरे पापा कहां करते थे, यह लोग ऊपर से जैसा दिखाते हैं अंदर से ऐसे हैं नहीं । यह लोग जितना बिजनेस में अपने आप को शरीफ दिखाने की कोशिश करते हैं ना, इनके अंदर उतनी ही रह छुपे हुए हैं । और उनके दूसरे कामों के बारे में तो कुछ लोग जानते भी नहीं है। लेकिन मेरे पापा को पता था, कि यह लोग अंदर ही अंदर क्या काम करते हैं। इसीलिए वह कभी भी इनके साथ बिजनेस नहीं करते थे।”

पर प्रिया ने जल्दी से कहा, “ अरे नहीं यार ऐसा कुछ भी नहीं है। देख मुझे प्रथम ने बताया है, कि बलवंत रायजादा बहुत जल्दी अपनी गद्दी छोड़ने वाला है । और उस की जगह उस का पोता बैठेगा । तो हो सकता है, कि अगर नया सीईओ कंपनी में आएगा तो कुछ नई पोस्ट भी उस के साथ आएगी। तो एक बार कोशिश तो कर , हो सकता है तुझे कॉल सेंटर से अच्छी जॉब मिल जाए, जो तेरे लिए फायदेमंद हो और सैलरी अच्छी होगी तो वकीलों के पैसे दे पाएगी।

उनकी इतनी सारी कंपनी है। हो सकता है, कि प्रथम तेरी जॉब किसी ऐसी जगह लगा दे, जो की बलवंत रायजादा या फिर उनके पोते की पहुंच के भी बाहर हो। तू फिक्र क्यों कर रही है? तू रुक जा मैं प्रथम से इस बारे में आज बात करती हूं।”

राधा अपने बैग को साइड में पहनते हुए कहती है, “ मुझे फिलहाल इस बारे में कोई बात नहीं करनी है मुझे बहुत कस के नींद आ रही है। पूरी रात उस आदमी को जगाने के चक्कर में मैं खुद भी नहीं सो पाई हूं। और अब मुझे बहुत कस के नींद आ रही है।”

राधा एक तेज अंगड़ाई लेते हुए उबासी लेने लगती है। उसे ऐसा करता देख प्रिया ने हंसते हुए कहा, “ हां ठीक है । सो जाना पहले एक काम कर फ्रेश हो जा। उस के बाद कुछ खा ले । उस के बाद चाहे तो कुछ घंटे सो सकती है।”

होटल रूम नंबर 1010…

उस घायल आदमी ने अभी भी अपने आप को जगाए रखने में पूरी हिम्मत रखी हुई थी। उस की आंखें ओझल हो रखी थी। तभी दरवाजा खुलता है और एक साथ चार पांच लोग कमरे में दाखिल होते हैं । एक आदमी उस बेड के पास आता है और झुक कर घायल आदमी को देखते हुए सबको देख कर कहता है, “ जिंदा है। कैप्टन जिंदा है।”

प्रथम सर डॉक्टर को बुलाए क्या ? एक बॉडीगार्ड ने कहा । तो प्रथम उसे घूर कर देखते हुए कहता है, “ तो अब क्या मुहूर्त निकालने का वेट कर रहे हो? जल्दी से डॉक्टर को इन्फॉर्म करो ।”

सिक्योरिटी हेड ने जल्दी से अपना फोन निकाला और डॉक्टर को इन्फॉर्म कर दिया। कुछ ही देर में वहां पर डॉक्टर आ जाते हैं और घायल व्यक्ति की जांच करने लगते हैं, “ इन पर हमला हुआ है।”

डॉक्टर ने प्रथम को देखते हुए कहा। तो प्रथम हैरान हो जाता है और घबराते हुए कहने लगता है, “ कैप्टन पर हमला हुआ है ? अगर यह बात बॉस को पता चल गई ना, तो वह तो हम सब की जान ही ले लेंगे। डॉ वर्मा कुछ भी हो जाए । कैप्टन के बारे में किसी को पता नहीं चलना चाहिए, कि उन पर हमला हुआ है । अगर ऐसा हुआ तो प्रॉब्लम हो जाएगी । आप समझ सकते हैं ना ? आप तो उनके फैमिली डॉक्टर हैं।”

डॉ वर्मा ने हा में सर हिलाते हुए स्टेटथस को अपने गले में टांगा और कहा, “ ठीक है मैं इस बात को बाहर नहीं आने दूंगा। लेकिन इनके जख्म बहुत ज्यादा गहरे हैं । इन्हें एमरजैंसी ट्रीटमेंट की जरूरत है । वैसे खून तो रुक गया है और यह अच्छी बात है, कि खून बहना बंद हो गया है । और डेटॉल लगाने की वजह से इन्हें सेप्टिक भी नहीं हुआ है । वरना इन्हें बचा पाना बहुत मुश्किल था।”

प्रथम हैरानी से कहता है, “ खून अपने आप बहना बंद हो गया है ? और कप्तान ने अपने आप डिटेल लगाया है? यह कैसे हो सकता है?”

डॉ वर्मा ने बेफिक्री के साथ कंधे ऊंचकाते हुए कहा, “ वह तो मुझे पता नहीं। लेकिन जिस तरीके से इन्हें मेडिकल हेल्प दी गई है, वह सच में बहुत अच्छा था । क्योंकि अगर ऐसा नहीं होता , तो शायद हालात और ज्यादा गंभीर हो सकते थे।”

उस के बाद डॉ हैरानी से कहते हैं। “ 1 मिनट आपको कैसे पता चला? कि यह घायल है और इस होटल में है।” प्रथम जो अपने कप्तान के लिए परेशान था उसने जल्दी से कहा।

“ मुझे सुबह-सुबह अंश सर का मैसेज मिला था, कि कैप्टन घायल हो चुके हैं। कल उन पर किसी ने हमला किया था और यह घायल हालत में ही इस होटल के एक प्राइवेट कमरे में रुके हुए हैं। उन्हे मेडिकल हेल्प की जरूरत है और मैं जल्दी से जल्दी यहां पहुंचू। इसीलिए मैं यहां पर आ गया हूं। पर यहां आ कर देखा, कि कैप्टन की हालत बहुत ज्यादा खराब है।”

प्रथम की पूरी बात सुन कर डॉक्टर ने पहले तो एक नींद का इंजेक्शन दिया और एंटीसेप्टिक का इंजेक्शन दिया । और उस के बाद कहा, “ अंश कहां है? मुझे उससे बात करनी है।”

“ अंश सर तो बड़े सर को लेने के लिए एयरपोर्ट गए हुए हैं। वह लोग थोड़ी ही देर में होटल पहुंच जाएंगे। बड़े सर को जब इस हमले के बारे में पता चला, तो वह जल्द से जल्द यहां आने के लिए निकल जाते हैं। उन्हें कप्तान की फिकर थी।”

“ कोई फिक्र नहीं है बलवंत रायजादा को अपने पोते विक्रम रायजादा की। मैं सालों से इनका फैमिली डॉक्टर रहा हूं। इसलिए अच्छी तरह से जानता हूं, बलवंत रायजादा के लिए विक्रम रायजादा सिर्फ उनका उत्तराधिकारी है और गैंग लॉर्ड का अगला लीडर है । इसीलिए वह बस इसे जिंदा देखना चाहते हैं।”

डॉ वर्मा ने प्रथम से कहा, तो प्रथम अपना चेहरा नीचे करते हुए कहता है, “ इस बारे में तो सब जानते हैं । लेकिन सब इस बारे में बात करने से डरते हैं। क्योंकि बॉस को यह पसंद नहीं आता है, कि कोई उनके पारिवारिक मामलों में अपनी टांग अड़ाए। उनका कैप्टन के साथ जो भी प्रॉब्लम है, वह उनकी पर्सनल प्रॉब्लम है। लेकिन इस बात से भी तो इंकार नहीं किया जा सकता है, कि कैप्टन गैंग लॉर्ड के अगले होने वाले किंग है ।

तभी गार्डस में हलचल होने लगती है और सारे गार्डस एक तरफ हो कर खड़े हो जाते हैं। वह सीधे तन कर खड़े हो गए थे और अपना चेहरा नीचे झुका लिया था। कमरे का दरवाजा एक बार फिर से खुलता है और इस बार वहां पर एक नौजवान के साथ एक बुजुर्ग आदमी कमरे में दाखिल होता है।

उस बुजुर्ग आदमी ने सफेद रंग का सूट पहना हुआ था। लेकिन उस के चेहरे पर भयंकर पर्सनालिटी दिख रही थी। उस के सर के बाल सफेद हो गए थे और लंबी दाढ़ी जिसमें सफेद बाल थे।

यह थे बलवंत रायजादा । विक्रम के दादाजी। उन्होंने बिना समय बर्बाद किए सीधे कमरे के अंदर अपने कदम बढ़ाए और सीधे बेड के पास चले गए। जहां पर वह विक्रम को औंधे मुंह लेटा हुआ देख रहे थे। और उस की पीठ पर एक बड़ा जख्म का निशान ।

बलवंत रायजादा ने डॉक्टर की तरफ देखते हुए सख्ती से कहा, “ जिंदा है या मर गया?”

डॉ घबराते हुए कहते हैं, “ नहीं वो जिंदा है। लेकिन हालत बहुत ज्यादा खराब है।”

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Mr Rakesh Mauryaya

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